रायगढ़ टॉप न्यूज 27 अप्रैल। अक्सर देखा जाता है कि सपेरे अपने पिटारे में सांप लेकर जगह जगह घूमते हैं और सांप दिखाकर दानदक्षिणा मांगते हैं, लेकिन क्या आप को पता है कि इन सांपों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता। इनके दांत तोड़ दिए जाते हैं, तो मुंह को भी चिपका दिया जाता है। ऐसे में ये काफी दिनों तक जीवित नहीं रहते और उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में इनकी सुरक्षा के लिए सर्परक्षक समिति लगातार काम कर रही है। मंगलवार को भी कुछ सपेरों के द्वारा काफी मात्रा में सांप लेकर कहीं जा रहे थे। जब इसकी जानकारी सर्परक्षक समिति को लगी, तो उन्होंने मामले की जानकारी वन अमला को दी। इसके बाद वन अमला के सहयोग से सांपो को सपेरों से छुड़ाया गया और इंदिरा विहार के आगे जंगल में सुरक्षित छोड़ा गया।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक मगंलवार की देर शाम सर्परक्षक समिति का सूचना मिली कि केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड में सपेरों का परिवार है और उनके पास काफी मात्रा में सांप है जिसे लेकर वे कहीं जा रहे हैं। ऐसे में तत्काल सर्परक्षक समिति के पदाधिकारी और सदस्य यहां पहुंचे और मामले की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। जसके बाद वन कर्मचारी भी यहां पहुंच गए। उनकी मौजूदगी में सांपो के बारे में सपेरों से पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि करीब बारह सांप उनके पास हैं। देखने पर 11 इंडियन कोबरा और एक फारेस्टन कैट प्राजाति का सांप इनके पास से मिला। ऐसे में विभागीय कर्मचारियों और सर्परक्षक समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि यह गैर कानूनी है और सभी सांपो को अपने सुर्पूद में लेते हुए सपेरों को समझाईश देकर छोड़ा गया। इसके बाद सभी वन कर्मचारियों की मौजूदगी में सांप को इंदिरा विहार के आगे ले जाकर सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया।
हो जाती है सांपो की मौत
सर्परक्षक समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि स्वयं के स्वार्थ के लिए सांपो के दांत को तोड़ दिया जाता है। इसके बाद उनके मुंह को चिपका देते हैं। इससे वे बहुत कुछ खा नहीं सकते और कुछ दिनों के बाद इनकी मौत हो जाती है। इस तरह इसे रखना भी गैर कानूनी है। फिलहाल उन्हें अब सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया है।