Raigarh News: जिन्दल आदर्श में विश्व पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम

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किरोड़ीमलनगर। विगत दिवस जिन्दल आदर्ष ग्राम्य भारती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, किरोड़ीमलनगर में ‘‘विष्व पृथ्वी दिवस’’ का आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर विद्यालय के चेयरमेन श्री विजय कुमार अग्रवाल ने अपने अमूल्य विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पृथ्वी दिवस पर पूरी दूनिया में एक साथ मनाया जाने वाला एक वार्षिक आयोजन है, जिसे पूरे विष्व में से 192 देष एक साथ 22 अप्रैल को मनाते हैं। वर्ष 1969 में यूनेस्को द्वारा आयोजित एक प्रेस काॅन्फ्रेंस में 21 मार्च 1990 को इस दिन को प्रथम बार मनाने का निर्णय किया गया। यह दिन मुख्य रुप से पूरे विष्व के पर्यावरण संबंधी मुद्दों और कार्यक्रमों पर निर्भर रहता है। इस दिन का मुख्य उद्देष्य शुद्ध हवा, पानी और पर्यावरण के लिए लोगों को प्रेरित करना है। हम सबका दायित्व है कि पृथ्वी में बढ़ते हुए प्रदूषण को कम करने में अपना सहयोग प्रदान करें।

विद्यालय के ऊर्जावान प्राचार्य श्री सतीष कुमार पाण्डेय ने उक्त अवसर पर कहा कि यह दिन विष्व भर में ‘‘पृथ्वी दिवस’’ के तौर पर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने , पृथ्वी को संरक्षित करने और ग्लोबल वार्मिंग के प्रति लोगों को जागरुक करने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है। आज के दिन पृथ्वी व पर्यावरण को बचाने का संकल्प लिया जाता है। पूरे सौर मण्डल में सिर्फ पृथ्वी पर जीवन संभव है और कोई ऐसा ग्रह नहीं है, जहां जीवन संभव हो। पृथ्वी पर सांस लेने के लिए शुद्ध आॅक्सीजन व पीने योग्य जल समेत विभिन्न जरुरी तत्व है। मानव की कुछ गलतियों, लापरवाही की वजह से इन सभी जीवन दायिनी तत्वों का संतुलन बिगड़ रहा है। पृथ्वी पर जीवन को बनाये रखने के लिए इस धरती व पर्यावरण को बचाना परम आवष्यक है।























विद्यालय के मैनेजर श्री प्रणय कुमार अग्रवाल ने कहा कि वास्तव में जनसंख्या वृद्धि ही पर्यावरण असंतुलन के लिए जिम्मेदार नहीं है, बल्कि हमारी उपभोगवादी संस्कृति प्रमुख रुप से उत्तरदायी है। हम जिसे विकास समझ रहे हैं, वह विनाष की ओर बढ़ता कदम है। क्या सिर्फ औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोत्तरी को विकास माना जा सकता है ? आज आदमी पैसे के दम पर हैसियत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने की कोषिष में जल, जंगल, जमीन और ऊर्जा जैसे संसाधनों का बेजा इस्तेमाल कर रहा है। देष में भीषण ठण्ड हो या भीषण गर्मी ये सब पर्यावरण असंतुलन के कारण है और इसकी जिम्मेदारी हमारी है, समस्या हमने पैदा की है तो समाधान भी हमें ही तलाषना पड़ेगा नही ंतो पर्यावरण असंतुलन के हर झटके को झेलने के लिए तैयार रहना होगा।

उक्त कार्यक्रम में मिडिल, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी के छात्र-छात्राओं द्वारा पृथ्वी, जल व ओजोन संरक्षण से संबंधित नाटक, डांस आदि प्रस्तुत कर लोगों में जागरुकता उत्तपन्न करने का प्रयास किया गया। उक्त कार्यक्रम के प्रभारी षिक्षिका श्रीमती इंदिरा सिंह व श्रीमती ममता सोनी रहे।



































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