रायगढ़। एक युवती को बीवी की तरह रखते हुए उसकी आबरू से खेलने के बाद झारखंड भागने वाले आरोपी युवक को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। यही नहीं, मुल्जिम को 15 हजार रुपए से दंडित भी किया गया है।
न्यायालय सूत्रों के मुताबिक संजय नगर, खरसिया निवासी श्रीकांत यादव पिता नेहरूलाल यादव (24 वर्ष) ने एक युवती को ब्याह रचाने का दिवास्वप्न दिखाते हुए अपनी परिचय दीदी के यहां ले गया और दुष्कर्म किया। फिर, उसे 20 रोज तक बीवी की तरह रखने के बाद लगभग 7 महीने तक अलग-अलग जगहों में किराये का मकान लेकर उसका दैहिक शोषण किया और काम खोजने के बहाने झारखंड भाग गया। काफी रोज गुजरने के बाद भी जब श्रीकांत झारखंड से वापस नहीं लौटा और पीड़िता ने अपने परिजनों के साथ श्रीकांत के घर जाकर पता भी किया, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली तो उसने थाने की शरण लेते हुए आपबीती बताई। पुलिस ने धारा 376 (2) (एन) के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए श्रीकांत को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
ऐसे में फास्ट ट्रैक कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश जितेंद कुमार जैन ने घटना से जुड़े सभी पहलुओं, सबूतों और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पश्चात आरोप प्रमाणित होने पर श्रीकांत यादव को 10 बरस की कड़ी कैद और 15 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। नियत समय मे अर्थदंड की राशि चुकता नहीं होने पर मुल्जिम को जेल में 60 दिन अतिरिक्त रहना होगा। इस प्रकरण में शासन की तरफ से अतिरिक्त लोक अभियोजक हरिलाल पटेल ने पैरवी की।