Raigarh news: कुपोषण दूर करने स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग समन्वय से करें कार्य-कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा

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कुपोषण मुक्ति के लिए जन-जागरूकता एवं जनभागीदारी जरूरी
कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक निरंतर करें फील्ड मॉनिटरिंग, दूरस्थ अंचलों की हो विशेष निगरानी
गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों का बनाएं हेल्थ कार्ड
कलेक्टर श्री सिन्हा ने स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की ली संयुक्त बैठक

रायगढ़ टॉप न्यूज 23 मार्च2023। कुपोषण का कुचक्र एक बच्चे के संपूर्ण जीवन को बुरी तरह प्रभावित करता है। इसे दूर करने के लिए महिला बाल विकास विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग समन्वित प्रयास एवं सहभागिता से कार्य करें ताकि हमारा जिला कुपोषण मुक्त हो सके। उक्त बातें आज कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त की बैठक में कही। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री अबिनाश मिश्रा भी उपस्थित रहे।











कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लगातार मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के माध्यम से कुपोषण मुक्ति के लिए अभियान चलाने के साथ बच्चों और महिलाओं के नियमित स्वास्थ्य जांच के निर्देश देते आए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए शासकीय प्रयास के साथ ही सामूहिक प्रयास और जनभागीदारी और जनजागरूकता की विशेष जरूरत है। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, आम जनता और प्रत्येक परिवार के माता-पिता की सहभागिता सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने कहा कि सुपोषण के लिए हर परिवार को जागरूक करें। परिवार के सदस्यों को बच्चे को कैसे स्वस्थ रखा जाए इस संबंध में चर्चा करें, स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सलाह दें। अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग दोनों पर महती जिम्मेदारी है। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि अभियान का उद्देश्य केवल बच्चे को सुपोषित करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बच्चे के जीवन भर के लिए स्वस्थ जीवन का आधार तैयार करना है। जिससे इन प्रयासों के दूरगामी सकारात्मक परिणाम मिले। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से 2 साल तक के बच्चे अधिक संवेदनशील होते हैं। उन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि गंभीर कुपोषित बच्चों के साथ ही एनिमिक महिला और किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जाना है। उन्होंने कहा कि किशोरी बालिका स्वास्थ्य की दृष्टि से केंद्र बिंदु है। अगर किशोरी बालिका स्वस्थ होंगी तो वह भविष्य में स्वस्थ शिशु को जन्म देगी। इसके लिए उन्होंने जनजागरूकता को अहम बताया। उन्होंने अभियान चलाकर हर परिवार और बच्चे की मां को बच्चे के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक उपायों की जानकारी देने कहा। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों की फील्ड मॉनिटरिंग पर जोर देते हुए कहा कि आप विभागीय प्रयासों को लोगों तक लेकर जाते है तथा कुपोषण मुक्ति के लिए प्रशासन व आम लोगों के बीच सेतु का कार्य करते है। इस काम को बेहतर तरीके से करने के लिए जरूरी है कि सभी कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक फील्ड की नियमित मॉनिटरिंग करें। इससे मिलने वाले फीडबैक से आगे की कार्ययोजना बनाने में मदद मिलती है।

इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर श्री डी.आर.रात्रे, सीएमएचओ डॉ.मधुलिका सिंह ठाकुर, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री अतुल दांडेकर, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री टी.के.जाटवर सहित स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

सिर्फ खाना खिलाना काफी नहीं, पूरक पोषण आहार देना भी जरूरी
कलेक्टर श्री सिन्हा ने बैठक में कहा कि जिले में कुपोषण दूर करना दोनों विभाग की प्राथमिकता में है। बच्चों से कुपोषण दूर करने के लिए सिर्फ खाना खिला देना ही पर्याप्त नहीं है, उन्हें गुड़, चना, मूंगफल्ली सहित पूरक पोषण आहार भी प्रदान किया जाए। उन्होंने महिला बाल विकास विभाग और बीएमओ को निर्देशित किया कि कुपोषण के शिकार बच्चों और गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन जाँच करने हेतु विशेष अभियान चलाए। दोनों का स्वास्थ्य कार्ड बनाकर हर 15 दिन में जांच करें। गंभीर बच्चे एवं एनिमिक महिलाओं के लिए दवाई की कमी नहीं है। कलेक्टर ने मितानीन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गृहभेंट करने के निर्देश भी दिए।

दूरस्थ अंचलों में करें विशेष फोकस
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कुपोषण की दिशा में कार्य करने हेतु जिले के दूरस्थ अंचलों में विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकतर वहां की गर्भवती महिलाएं अपने सेहत पर ध्यान नहीं देती है। निरंतर उनके घर जायें, उन्हें जागरूक करें। आयरन की टेबलेट खिलाये व उनका रेगुलर चेकअप करायें। सबसे पहले उन्हें पौष्टिक खाना के लिए प्रोत्साहित करें।















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