जशपुर। जिले के तपकरा क्षेत्र में नन्हा हाथी अपने दल से भटक कर गांव में आ गया है. दल से बिछड़े हाथी शावक ने वन कर्मियों की परेशानी बढ़ा दी है. वन विभाग हाथी शावक की सतत निगरानी करने में लगा है और उसे दल से मिलाने की तैयारी में जुटा हुआ है. वहीं ग्रामीणों में हाथी के शावक को देखने की होड़ मची हुई है. हाथी शावक ने गांव में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया है.
वन मंडल अधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि इस हाथी शावक की रात और दिन को सतत निगरानी करने के लिए वन कर्मियों के दो अलग-अलग दल तैनात कर दिए गए हैं.
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ऐसी संभावना है कि राज्य की सीमा से लगा जंगल के किनारे पत्तों में आग के चलते अपने हाथियों के दल से यह शावक भटक गया है. इसी वजह से शावक तपकरा क्षेत्र के मृगखोल गांव के आसपास में विचरण कर रहा है. जंगल छोड़कर रिहायशी इलाके में आ जाने से इस नन्हे शावक से ग्रामीणों को भले खतरा नहीं है. लेकिन हाथी शावक की आवारा कुत्ते तथा अन्य खतरों से लगातार देखरेख करनी पड़ रही है.
वन विभाग ने इस हाथी के शावक को उसके दल से मिलाने के प्रयास में जुट गई है. इसके लिए वन अधिकारियों ने पड़ोसी राज्य ओड़िसा और झारखंड के वन अधिकारियों से सम्पर्क करना शुरू कर दिया है.
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पहले भी दल से बिछड़ा था हाथी का शावक
यह पहली घटना नहीं है, जब हाथी का शावक अपने दल से भटका हो. इस घटना के 4 माह पहले भी एक अन्य हाथी शावक अपने दल से बिछड़ कर तपकरा का समडमा गांव आ गया था. वन विभाग को उसे विश्राम गृह में पशुचिकित्सक की देखरेख में रखना पड़ा था. उस नन्हे शावक को भी हाथियों के दल से मिलवाने के सभी प्रयास विफल हो जाने के बाद, अंततः तमोर पिंगला हाथी सरंक्षण गृह में भेजा गया था.