रायगढ़ टॉप न्यूज 3 मार्च। बिलासपुर से रायगढ़ आए रेलवे मजिस्ट्रेट ने आरपीएफ में कोर्ट लगाकर 165 प्रकरणों की सुनवाई की। यही नहीं, उन्होंने रेलवे एक्ट से जुड़े विभिन्न अपराधों के मुल्जिमों से 54 हजार 700 रुपए अर्थदंड भी लगाया। सूत्रों के मुताबिक यात्री ट्रेन्स की महिला बोगी में अनाधिकृत तरीके से चढऩा, फेरी लगाना, चैन पुलिंग जैसे कई मामलों में रेलवे पुलिस मुहिम छेड़ते हुए कानूनी कार्रवाई भी करती है। चूंकि, ऐसे प्रकरणों में फिर 165 लोगों को आरपीएफ ने रंगे हाथों धरदबोचते हुए उनके खिलाफ जुर्म कायम किया जरूर, लेकिन सभी को एक साथ बिलासपुर कोर्ट ले जाना मुमकिन नहीं इसलिए रेलवे मजिस्ट्रेट ने रायगढ़ आकर कोर्ट लगाया।
आरपीएफ थाने से लगे प्लेटफार्म नंबर 1 में न्यायालय की कार्रवाई का मजिस्ट्रेट पवन कुमार अग्रवाल ने दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे श्रीगणेश किया। खाकी वर्दीधारियों ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पहले से पेश कर दिया था। मजिस्ट्रेट पीके अग्रवाल ने रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज अपराधों की सुनवाई हुई। न्यायालय में कुल 166 मामले आए। इसमें पेश आरोपियों पर कुल 54 हजार 700 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसमें ज्यादातर महिला बोगी में पुरूष यात्री, विकलांग बोगी में सामान्य यात्री, चैन पुलिंग, किन्नर, ई-टिकट की दलाली, यात्री ट्रेनों में फेरी लगाने जैसे मामलों पर सुनवाई करते हुए जुर्माना लगाया गया।
यहां बताना लाजिमी है कि 3 से 4 माह के अंतराल में आरपीएफ थानों में रेल मजिस्ट्रेट द्वारा न्यायालय लगाकर विभिन्न मामलों की सुनवाई करते हुए आरोपियों पर जुर्माना लगाया जाता है, ताकि आरोपियों को कानून का पाठ पढ़ाते हुए सबक सिखाया जा सके और ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न होने पाए।