शिक्षा विभाग के विधायक प्रतिनिधि शेख ताजीम को 201 स्कूलों की मिली जिम्मेदारी

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रायगढ़ छत्तीसगढ़ प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष व शिक्षा विभाग के विधायक प्रतिनिधि शेख ताजीम ने बताया कि जब से शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली है तब से लगातार स्कूल के प्राचार्य व छात्र छत्राओ से मुलाकात कर शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी दे रहे है ताजीम ने बताया कि मुझे 201 शासकीय व अशासकीय स्कूल के ग्रुप में जोड़ा गया है जिसका उद्देश्य शिक्षा के छेत्र में चलाये जा रहे शासन की योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा जरूरत मंद बच्चो को मिले ताजीम ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूलों को संसाधनों से समृद्ध किया है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि हमारी पीढ़ी अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति से भी जुड़ी रहे इसलिए अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ हिंदी माध्यम के आत्मानंद स्कूल भी खोले जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय बोलियों को पाठ्यक्रम से जोड़ा गया है,इससे बच्‍चों को अपनी संस्कृति,परम्पराओं और स्थानीयता पर भी गर्व होगा।

 











प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूल की शुरूआत सबसे पहले 03 जुलाई 2020 को हुई। इसी वर्ष अलग-अलग शहरों में 52 स्कूल खोले गए। उस समय यहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम थी। फिर भी प्रथम वर्ष में आवेदन की संख्या 20 हजार से अधिक थी। धीरे-धीरे स्कूल की गुणवत्ता की चर्चा होने के साथ यहां आवेदन की संख्या बढ़ती गई। वर्ष 2022-23 में दो लाख 76 हजार से अधिक आवेदन मिले हैं। परिस्थितियों को देखते हुए स्कूलों की संख्या भी बढ़ाई गई।इस समय प्रदेश में लगभग 279 स्कूल संचालित हैं,जिसमें अंग्रेजी माध्यम के 247 और हिन्दी माध्यम के 32 स्कूल हैं। यही नहीं,आने वाले शैक्षणिक सत्र में 439 हिन्दी माध्यम के स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने की योजना है। ताजीम ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा थी कि छत्तीसगढ़ में ऐसे शिक्षण संस्थान हो जहां निजी स्कूल जैसी उत्कृष्ट सुविधाएं हो,जहां मध्यम और निम्‍न वर्ग के बच्‍च पढ़ सके।

 

इसे मूर्त रूप देने के लिए पुराने सरकारी स्कूलों को चिन्हित किया गया,इन स्कूलों में सबसे पहले आधारभूत संरचना को मजबूत किया गया, पुरानी बिल्डिंग का पुनरूद्धार किया गया,क्लास रूम को नया रूप प्रदान किया गया। जहां पर कभी पुराने ब्लैक बोर्ड थे, वहां पर ग्रीन बोर्ड लगाए गए, कुछ जगहें स्मार्ट बोर्ड ने ले ली, पुराने बैंच-टेबल की जगह नए कम्फर्ट बेंच-डैस्क की व्यवस्था की गई। साइंस के आधुनिक साज-सामानों के साथ नये प्रैक्टिकल लैब बनाए गए। एक्स्ट्रा कैरिकुलम एक्टिविटी को बढ़ावा दिया गया। शिक्षण संस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक की जरूरतें पूरी की गईं। अन्य स्कूलों से प्रतिनियुक्ति पर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक लाए गए । यहीं नहीं, संविदा में विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की भर्ती की गई। शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों को पढ़ाने के लिए स्मार्ट बोर्ड का उपयोग किया गया। इससे बच्चे ऑडियो-विजुअल पद्धति से अध्ययन करने लगे, जिससे उन्हें विषय को समझने में आसानी हुई, उनकी ग्रहण क्षमता बेहतर हुई है l















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