CG News: पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाकर क्षेत्रवासियों ने थाने का किया घेराव..पानी की तेज बौछार से पुलिस ने भीड़ को किया तितर-बितर

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वाड्रफनगर। बलरामपुर जिले के त्रिकुंडा थाना पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाकर क्षेत्रवासियों ने शुक्रवार को थाने का घेराव किया। उग्र भीड़ ने थाने के भीतर घुसने की भी कोशिश की लेकिन पानी की तेज बौछार से पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया। किसी तरह उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के बाद एसडीओपी ने प्रदर्शनकारियों के नेतृत्वकर्ताओं से चर्चा की।

ग्रामीणों की मांग के अनुरूप हत्या के प्रयास के आरोपितों की गिरफ्तारी यथाशीघ्र करने का आश्वासन दिया।इधर ग्रामीणों ने पांच दिन का समय देते हुए चेताया कि यदि पांच दिन के भीतर सभी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे पुलिस अधीक्षक कार्यालय बलरामपुर का घेराव करेंगे।बलरामपुर जिले के किसी थाने में प्रदर्शनकारियों की भीड़ घुसने के प्रयास का संभवत: यह पहला मामला है।











इस पूरी परिस्थिति के लिए त्रिकुंडा थाना पुलिस की लचर कार्यशैली को जिम्मेदार बताया जा रहा है।सितंबर महीने में नवाडीह गांव में दो पक्षों के बीच मारपीट की घटना हुई थी।एक पक्ष के दस लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन दूसरे पक्ष के सरपंच सहित अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी में पुलिस लापरवाही बरत रही थी।ग्रामीणों द्वारा लगातार सभी आरोपितों के गिरफ्तारी की मांग की जा रही थी लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई ।

शुक्रवार को थाना घेराव के अल्टीमेटम को देखते हुए एसडीओपी एनके सूर्यवंशी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल को त्रिकुंडा थाने में तैनात किया गया था।नवाडीह सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोगों ने शुक्रवार को थाने का घेराव कर दिया।पुलिस के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की।थाने के गेट को बंद कर दिया गया।भीड़ ने थाने के भीतर घुसने की कोशिश की।

थाने के गेट पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मचारियों के बीच जमकर जोर आजमाइश हुई । धक्कामुक्की के बीच कई प्रदर्शनकारी थाना परिसर में प्रवेश कर गए।आखिरकार पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी। वाड्रफनगर से मंगाए गए फायर ब्रिगेड वाहन से प्रदर्शनकारियों पर पानी की तेज बौछार की गई।किसी तरह भीड़ को नियंत्रित किया गया । एसडीओपी ने खुद आगे बढ़ते हुए प्रदर्शनकारी ग्रामीणों से चर्चा कर फरार आरोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया गया तब जाकर मामला शांत हुआ।

यह था मामला
त्रिकुंडा थाना अंतर्गत ग्राम नवाडीह में दो पक्षों के बीच आठ सितंबर 2022 को जमीन विवाद को लेकर हिंसक झड़प हुई थी। मामले में दोनो पक्षों के विरुद्ध अपराध पंजीकृत किया गया था मामले में एक पक्ष के 10 लोगों के विरुद्ध अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं के तहत मामला पंजीकृत किया गया था।
दूसरे पक्ष के सरपंच सहित आठ लोगों के विरुद्ध हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मामला पंजीकृत था। एक पक्ष के 10 लोगों की गिरफ्तारी पुलिस के द्वारा कर ली गई थी,लेकिन दूसरे पक्ष के सरपंच सहित अन्य लोगों की गिरफ्तारी नहीं होने से ग्रामीण नाराज थे।शुक्रवार को आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने का घेराव किया गया।

पुलिस पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का लगा आरोप
थाने का घेराव करने पहुंचे ग्रामीणों ने पुलिस पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने कहा कि एक पक्ष के लोगों को तो पकड़ लिया गया,लेकिन दूसरे पक्ष के लोग खुलेआम घूम रहे हैं। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। कहीं न कहीं उन्हें पुलिस का संरक्षण मिल रहा है जिससे वे सब लोग भयभीत हैं कि फरार आरोपितों द्वारा भविष्य में और कोई बड़ी अपराधिक घटना कारित की जा सकती है।
इसके अलावा पुलिस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए गए। नवाडीह के संतोष यादव ने कहा कि कई बार हम लोगों ने आरोपितों को गिरफ्तार करने की मांग की परंतु पुलिस की लापरवाही के चलते आरोपित अब तक पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं।पुलिस को तत्काल आरोपित को गिरफ्तार किए जाने की आवश्यकता है ताकि हम सब भयमुक्त होकर गांव में रह सकें।

जल्द पकड़े जाएंगे सभी आरोपित : एसडीओपी
एसडीओपी एनके सूर्यवंशी ने कहा कि मामले में आठ अरोपित नामजद थे,जिसमें दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है।शेष आरोपितों को जल्द पकड़ लिया जाएगा।















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