महासमुंद। कोलपदर के जंगल गुड़ाबांध के पास मंगलवार को मिले तेंदुए के शव का बुधवार को पीएम पश्चात अंतिम संस्कार किया गया। पीएम रिपोर्ट में तेंदुए को जहर देकर मारने की बात सामने आई है। इधर मंगलवार से ही जांच में जुटे जंगल सफारी के खोजी कुत्ते वीरा ने आरोपितों को सूंघ लिया। मंडल प्रबंधक वन विकास निगम बी रमन सोमावर व उप मंडल प्रबंधक चित्रा त्रिपाठी ने बताया कि खोजी कुत्ते की सहायता से कोलपदर निवासी बिजलू राम बिंझवार, धनुष यादव, नरोत्त्तम यादव, चमार सिंह, परदेशी निषाद और लकेश्वर यादव को तेंदुए के शिकार मामले में गिरफ्तार किया गया है। इनके घर से वन्य जीव आखेट का भरपूर सामान जब्त किया गया है। आरोपितों पर वन्य जीव अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
बता दें कि मंगलवार सुबह नौ बजे बलौदाबाजार जिले के रवान परिक्षेत्र में वन विकास निगम के कक्ष क्रमांक 90 में तेंदुए का शव देखकर चौकीदार ने वन अमले को सूचना दी। इसके बाद वन विभाग डिप्टी डीएफओ चित्रा त्रिपाठी, बार एसडीओ आनंद कोठरिया, मुख्य वन्यप्राणी संरक्षक प्रणिता पाल की टीम मौके पर पहुंची। वहीं जंगल सफारी से डाग स्क्वाड की टीम भी थी। तेंदुए के शव का जायजा लिया। तेंदुए का बाल भी जला हुआ पाया गया। नर तेंदुए की उम्र लगभग पांच साल बताया गया। आसपास से तार बरामद होने से करंट की चपेट में आने से तेंदुए की मौत की आशंका जाहिर की जा रही थी। शाम होने के कारण मंगलवार को तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। बाद शव को पीएम के लिए कोडार के काष्ठागार में रखा गया था।
बुधवार सुबह छह डाक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। वन विकास निगम मंडल प्रबंधक बी रमन सोमावर ने बताया कि बुधवार सुबह छह डाक्टरों की टीम ने तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम किया। डाक्टरों के अनुसार तेंदुए को जहर दिया गया था, जिससे उसकी मृत्यु हुई है। इस संबंध में डाग स्क्वाड ग्राम कोलपदर तक पहुंची। मामले में पांच संदेहियों से पूछताछ की गई। बाद महासमुंद जिला पटेवा थानांतर्गत ग्राम कोलपदर निवासी छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया।
दो साल पहले भी हुआ था तेंदुए का शिकार
बता दें कि कोलपदर क्षेत्र में दो साल पहले भी तेंदुए का शिकार हुआ था। शिकार करने वाले आरोपित जेल जा चुके हैं। वही यहां जंगली सूअर के शिकार करने वालों पर भी टीम ने कार्रवाई की है। क्षेत्र में तेंदुए के शिकार की यह दूसरी घटना है।
मांस व खाल की चाह ने पहुंचाया जेल
डीडीएम त्रिपाठी ने प्रारंभिक पूछताछ की, जिसमे बताया गया कि आरोपित तेंदुए का मांस पकाकर खाना चाहते थे, साथ ही तेंदुए की खाल व दांत बेचने की योजना थी। दिन के उजाले से इनकी योजना फेल हो गई।