सूरजपुर। छत्तीसगढ़ का सबसे बुजुर्ग हाथी ‘सिविल बहादुर’ ने मंगलवार को दुनिया को अलविदा कह दिया। ‘सिविल बहादुर’ की 72 साल की उम्र में मौत हो गई। कुसमी के सिविलदाग ग्राम में पकड़े जाने के कारण इसका नामकरण ‘सिविल बहादुर’ रखा गया था। उम्र संबंधी बीमारियों के कारण हाथी कुछ दिनों से बीमार चल रहा था। मंगलवार सुबह हाथी पुनर्वास केंद्र रामकोला में इसकी मौत हो गई। बता दें कि 44 वर्ष पहले अविभाजित सरगुजा जिले के कुसमी वन परिक्षेत्र के सिविलदाग में इस हाथी को पकड़ा गया था।
जानकारी के मुताबिक, ‘सिविल बहादुर’ पिछले 5 सालों से तमोर पिंगला रेस्क्यू सेंटर में रह रहा था। लंबी बीमारी के बाद आज सुबह 6:00 बजे उसकी मौत हो गई। बहादुर रेस्क्यू सेंटर में महावतओं की निगरानी में रह रहा था। पोस्टमार्टम के बाद तमोर पिंगला अभ्यारण में ही सिविल बहादुर अंतिम संस्कार किया जाएगा।सिविल बहादुर पूर्व में तमोर पिंगला के हाथी कैम्प में रहता था जिसके बाद उसे अचानकमार ले जाया गया था। वर्ष 2017 में उसे फिर से तमोर पिंगला के रेस्क्यू सेंटर में लाकर रखा गया था जहां वह वन अमला और महावतों की निगरानी में था। बढ़ती उम्र के साथ उसके शरीर में कुछ दिक्कतें शुरू हो गईं थीं और दो दिन से पेशाब और शौच भी ठीक से नहीं कर पा रहा था । स्थानीय चिकित्सक उसका इलाज कर रहे थे और विशेषज्ञ चिकित्सकों से सलाह भी ले रहे थे। लेकिन इस बीच मंगलवार को सुबह उसकी मौत हो गई जिसके बाद रेस्क्यू सेंटर परिवार सन्नाटा पसर गया और गमगीन स्थिति बन गई क्योंकि वह सबसे पुराना साथी था तथा कर्मचारी ज्यादा समय उसी के साथ व्यतीत करते थे।